दिया जलता छोड़ दिया

किसी की आवभगत में,
दिल मचलता छोड़ दिया !
आंधियां चलती रही और
दिया जलता छोड़ दिया !!
✍कवि दीपक सरल
किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों में यहां नमी नहीं है लोग ही लोग हैं , हमारे चारों तरफ ...
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