बुधवार, 15 मार्च 2023

दिया जलता छोड़ दिया

 

दिया जलता छोड़ दिया

किसी की आवभगत में,
दिल मचलता छोड़ दिया !

आंधियां चलती रही और
दिया जलता छोड़ दिया !!

✍कवि दीपक सरल

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भारत की आवाज

किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों में यहां नमी नहीं है लोग ही लोग हैं , हमारे चारों तरफ ...