अभी अभी की बात है

ये अभी-अभी की बात है,
न जाने कभी की बात है !
वह ऐसे मिली थी मुझसे ,
लग रहा है मेरे साथ है !!
कवि दीपक सरल
किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों में यहां नमी नहीं है लोग ही लोग हैं , हमारे चारों तरफ ...
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