करीब आने नहीं देता

करीब आने नहीं देता मुझे
दूर जाने से भी डरता है !
यह कैसा महबूब है यार
कैसी मोहब्बत करता है !!
✍कवि दीपक सरल
किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों में यहां नमी नहीं है लोग ही लोग हैं , हमारे चारों तरफ ...
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