कवि दीपक सरल

 

सफलता की दहलीज पर

सफलता की दहलीज पर
एक कदम हमारा होगा ,

अपनी ताकत पहचानो
कोई न बेसहारा होगा।

दिल में उठेगी नई उमंग
हर्षित देश हमारा होगा,

नाकारी की धुंध छटेगी
कर्मठ युवा हमारा होगा।

अदियाले की परत छटेगी
चारों ओर उजाला होगा

जग में परचम लहराएगा
यह जीवन निराला होगा।

सफलता की दहलीज पर
एक कदम हमारा होगा ,

अपनी ताकत पहचानो
कोई न बेसहारा होगा।।

✍कवि दीपक सरल

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