इससे बड़ा हादसा क्या

वह शख्स घर से ही ना निकला हादसों के डर से!
जिंदगी यू ही निकल रही इससे बड़ा हादसा क्या !!
✍कवि दीपक सरल

वह शख्स घर से ही ना निकला हादसों के डर से!
जिंदगी यू ही निकल रही इससे बड़ा हादसा क्या !!
✍कवि दीपक सरल
किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों में यहां नमी नहीं है लोग ही लोग हैं , हमारे चारों तरफ ...
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