गुरुवार, 31 जुलाई 2025

कुछ तो कर गुजरने का अरमान

 कुछ तो कर गुजरने का

कुछ तो कर गुजरने का

अब #अरमान दिल में है !

जमीन नहीं है मंजिल मेरी

खुला #आसमान दिल में है!!


#आसमानों की जद में रहना,

फिर भी अपनी #हद में रहना,

जो है अपने कद में रहते ;

उनका #सम्मान दिल में है!!


नहीं हदों का #खौफ जिनको,

बुलंद सपनों की जद में है!

समुद्रों में कुछ भी नहीं है ;

जो मिठास #स्वप्न_मद में है!!


जान लुटाने को तैयार;

हमेशा रहते तत्पर जो!

धन्य है यह मां भारती,

ऐसे सिपाही सरहद में है!!


आंधियां चलने लगी,

हौसला भी उड़ गया!

फिर -2 तिनका लाने का,

अजब #हौसला दिल में है!!


लहरों के साथ बहा कभी,

लहरों के विपरीत खड़ा है !

संघर्षों में जिद पर अड़ा है,

अब यह गुमान दिल में है!!


#दीपक_बवेजा_सरल

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भारत की आवाज

किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों पर यहां पर्दा नहीं है किसी की आंखों में यहां नमी नहीं है लोग ही लोग हैं , हमारे चारों तरफ ...