साथ आया हो जो एक फरिश्ता बनकर


साथ आया हो जो एक फरिश्ता बनकर ,
तो तुम्हें साथ चलना अच्छा लगेगा ।।१

लाखों डूबाने पर आमादा समुंदर में ,
अब किनारा तुम को सच्चा लगेगा।।२

मुफलिसी में विताई , तमाम उम्र जिसने ,
उसके जख्म कुरेदना क्या अच्छा लगेगा ।।३

कई अनुभवों से गुजारी जिंदगी जिसने ,
उसके कदम नापना अब कच्चा लगेगा ।।४

जो शख्स अब शोहरत के लिबास में है
उसकी कमियां बताता तू बच्चा लगेगा।।

✍कवि दीपक सरल

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